कोई रहता है आसमान में क्या ?
नियम कायदों को तोड़ कर दुनिया को आँख दिखा कर शायरी करने वाले जॉन एलिया को सुनते हैं आज की मसाला चाय में
नियम कायदों को तोड़ कर दुनिया को आँख दिखा कर शायरी करने वाले जॉन एलिया को सुनते हैं आज की मसाला चाय में
मसाला चाय में आज कि महफ़िल सजेगी शायर हबीब जालिब कि रचनाओं के साथ.
मसाला चाय कि आज कि महफ़िल में पढेंगे शायर मयंक सक्सेना की कविता ‘हवा रुकने के बाद’. मयंक कि ये कविता हमें आगाह भी करती…
घटनाओं को अनदेखा करने की ही आदत के चलते आज हमें देश में ऐसे दिन देखने पद रहे हैं.
मसाला चाय की आज की महफ़िल में मेरी कुछ रचनाओं के साथ चलिए अपने महबूब को याद करते हैं.
मसाला चाय में आज पढेंगे नज़ीर अकबराबादी की रचना ”आदमीनामा”