बलात्कार के खिलाफ उठाई आवाज..15 साल बाद इंसाफ की उम्मीद
13 मई 2002 को सिरसा डेरा सच्चा सौदा से एक गुमनाम चिट्ठी उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई को मिलती है। ये चिट्ठी लिखी थी डेरा में रहने वाली एक साध्वी ने। उस साध्वी ने उस चिट्ठी के जरिए डेरा में हो रहे पाप का पर्दाफाश किया था। चिट्ठी में लिखा था कि कैसे वहां रहने वाली लड़कियों के साथ ‘पिता की माफी’ के नाम पर बलात्कार होता है? कैसे गुरमीत राम रहीम जिसे लड़कियां परमात्मा की तरह मानती हैं उनका यौन शोषण करता है। उस चिट्ठी के बाद सीबीआई ने राम रहीम के खिलाफ जांच शुरु की थी और जुलाई 2007 में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी थी। 25 अगस्त 2017 को राम रहीम को अदालत ने बलात्कार का दोषी माना। राम रहीम के पास ना पैसे की कमी है ना ही पावर की। उसके बावजूद डेरा की दो लड़कियों ने उसका असली चेहरा समाज के सामने लाने की हिम्मत दिखाई। उन दो साध्वी की हिम्मत की वजह से आज राम रहीम जेल की सलाखों के पीछे है। हिंदु वर्ल्ड उन दो बहादुर लड़कियों के साहस की सराहना करता है।